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Showing posts from July, 2021

#दिन_ढ़लते_ही ◆【पतंग, जीवन】◆

मैं छत पर था आज मौसम काफ़ी खुशनुमा था हल्की-हल्की ठंडी हवा चल रही थी, और आसपास की छतों पर लड़के पतंगे उड़ा रहे थे. उन्ही में से एक पतंग मेरी छत पर आ गिरी. पतंग उड़ाना भी एक कला है जिस कला से मैं वंचित हूँ. अगर पतंग की डोर कच्ची होती हैं, तो जमीं पर आके तुरंत गिर जाती हैं. उसी तरह से मनुष्य के जीवन का डोर भरोसे और उम्मीद के सहारे पर चलता हैं. अगर भरोसा टूट जाता हैं तो उसकी हालत पतंग की तरह हो जाती हैं. इसलिए पतंग यह एक जीवन जीने की कला सिखाता हैं. #_shivvaam_ ✍️ शिवम् ( Shivam Pandit ) Image Clicked by - Me

रिश्तों की समझ, परख

रिश्ते मानवीय भावनाओं(human emotions) का प्रतीक होते है। एक ओर जहां हमारे जीवन में कुछ रिश्ते खून के होते है वही कुछ रिश्ते भावनाओं से बने होते है जो कभी-कभी खून के रिश्तों से भी ज्यादे जरूरी होते है। रिश्तों के बिना इंसान का जीवन अधूरा हो जायेगा असल में रिश्तों का कोई दायरा नही होता। एक रिश्ता प्रेम तथा विश्वास पर निर्भर होता है, जिसे हम अपने कामों द्वारा सींचते है। यदि हम किसी अंजान व्यक्ति से अच्छा व्यवहार करेंगे तो उसे भी हम अपना दोस्त बना सकते है और अपने रिश्तों को उससे गहरा कर सकते है और इसके विपरीत यदि हम अपने लोगों से भी गलत व्यवहार करेंगे तो हमारे रिश्ते उनसे भी खराब हो जायेगें। इसी वजह से रिश्तों को गहरा बनाये रखने के लिए हमें जिम्मेदारी पूर्वक उनका निर्वहन करना चाहिए। रूठे सुजन मनाइए ज्यों रूठे सौ बार , रहिमन पुनि-पुनि पोहिए जैसे मुक्ताहार| मेरा मानना है की आप अपने मतभेदों और मनभेदों को प्यार व् अपने विवेक का इस्तेमाल करके सुलझाकर रिश्तों को बनाये रख सकते हैं| किसी भी रिश्तें में प्यार होना जरूरी ही नहीं, बहुत जरूरी है और साथ की साथ रिश्तों में एहसास होना भी बहुत ज़रूरी है जो