ये मैं हूँ (कहीं खोया हूँ शायद) आज कल के रिश्ते झूठ पर टिके हुए है, जहाँ आपने जरा सा सच बोला इनका डगमगाना शुरू | कितना सही फिट बैठता है न ऊपर वाला वाक्य आज कल के रिश्तों पर जब तक आप सामने वाले से उसे खुश रखने के लिए झूठ बोलते रहोगे या उसके झूठों को सच मानते रहोगे तब तक वो रिश्ता एक दम सुरक्षित है| उसके टूटने का कोई खतरा नहीं है| वहीँ आपने अगर सच बोल दिया या उसके झूठ पर आपको यकीं नहीं हुआ तो आपके मिठास भरे रिश्तें में दरार आ जाएगी, गलतफेमियां जगह बना लेंगी और इसी की जगह आप उसकी कही हर बात पर यकीं करते रहते है और उसे खुश रखने के लिए आप संभव झूठ बोल रहें है तो आप उसको समझते है| कई बार तो आप उसके झूठ को भी सच मान बैठते है सिर्फ इसलिए क्योंकि आप उस रिश्ते को खोना नहीं चाहते|उसके झूठ पर आपने उसे टोक दिया की नहीं ऐसा नही ऐसा था/है तो फिर आपकी सोच गिरी हुई, आपसे घटिया इंसान, नकारात्मक सोच रखने वाला उसने कभी देखा नहीं होगा और ये सिर्फ़ इसलिए क्योकि अपने उसके झूठ में थोडा सा सुधार कर दिया| यदि आपके साथ कभीं ऐसा हुआ हैं और आप उस रिश्ते को बचाने की जद्दोजहद में है और ऐसा सिर्फ आप ही कर रहे है तो,
बेवजह खुश रहिये, वजहें बहुत महंगी है..!❤️