*टहलते-टहलते*
आज लाइट नही है तो छत पर टहलने आया और क्या देखा कि चाँद अकेले अपनी महफ़िल में खुश है।
आज बाकि दिनों के मुकाबले आज कुछ ज़्यादा चमक है चाँद में।
ऐसा तब होता है जब आप ये समझ लेते हो कि आपके पास लोगों की भीड़ होकर भी आप अकेले हो इसलिए आप उनके बीच में तो खुश रहते ही हो बल्कि इसके साथ साथ आप उनकी गैरमौजूदगी में भी आप खुद को ऐसा ही पाते है जैसा उनके बीच।
लेकिन कहीं न कहीं ये भी ठीक नही समझता मैं क्योंकि आपके पास कुछ ऐसे लोगों का होना ज़रूरी है जो आपको दिन में दो-तीन बार कॉल करें बिना किसी वजह के इनमे आपका मित्र हो सकता है आपका कोई प्रिय भी हो सकता। जैसे कि में अभी अपने दोस्त से ये लिखते लिखते बात कर रहा हूँ।
आप भी कीजिये अच्छा लगेगा खुद को थोड़ा हल्का महसूस करेंगे

भाई हमारे पास ऐसा कोई नही है यहां सब मतलब से पूछने वाले है
ReplyDeleteआपके लिए हम है भाई
Deleteबहुत खूब शिवम भाई❤
ReplyDeleteशुक्रिया ज़नाब
Deleteभाई इतना दुख्यत स्मरण हो रहा है
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